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सादगी और मिलनसारिता के सेतु है श्री जैन-प्रो.हाशमी

रतलाम,16 जुलाई (इ खबरटुडे)। सरलता,संस्कार और सादगी का नाम है अरुण जैन। जिन्होने शासकीय सेवा में व्यस्त रहते हुए साहित्य की सेवा की है। अरुण जैन सादगी और मिलनसारिता के सेतु है।

यह बात प्रख्यात चिंतक एवं साहित्यकार प्रो.अजहर हाशमी ने सोमवार को अपने निवास पर महाविद्यालय विद्यार्थी परिवार द्वारा आयोजित केन्द्रीय उत्पाद,सेवा शुल्क एवं सेवाकर अधीक्षक तथा साहित्यकार अरुण जैन के सम्मान समारोह में कही। श्री जैन कार्यालय में पदभार ग्रहण करने के पश्चात प्रो.हाशमी के निवास पर पंहुचे थे। प्रो.हाशमी ने कहा कि श्री जैन पद की उंचाई पर है,लेकिन उनके अध्ययन की गहराई अधिक है। उनकी पुस्तक अन्ना का सुख दु:ख बहुत प्रसिध्द रही है। श्री जैन पर सरस्वती की असीम कृपा है। अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में श्री जैन ने कहा कि जब तक प्रो.हाशमी का आशीर्वाद है तब तक मां सरस्वती प्रसन्न रहेगी। प्रो.हाशमी का अपनत्व भाव ही उन्हे यहां लेकर आंया है। प्रारंभ में प्रो.हाशमी ने श्री जैन का शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। इस अवसर पर विद्यार्थी परिवार के अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी, पत्रकार विनोद संघवी,मणिलाल जैन,भारत गुप्ता आदि मौजूद थे।

 

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